मेरे कमरे में टूटे हुए कांच के टुकड़े बताते हैं कि
आज जरूर किसी का प्यार भरा दिल टूटा होगा
उदास चेहरे की भीगी पलकें कहती है कि
आज जरूर किसी का जिगरी दोस्त रूठा होगा
शायद हुई होगी कोई खता वरना वो इतने शख्त दिल ना थे
उनके दिल की रुसवाई कहती है कि आज जरूर किसी का विश्वास टूटा होगा
वो बिना कोई गिला किये चले गए दूर ना देखा मुड़ कर एक बार भी
बदले इन हालातों से लगता है कि आज जरूर किसी का खुदा रूठा होगा
बहार ए मौसम में भी सब सूना सूना है साथ मे सिर्फ तन्हाइयों का पहरा है
हुई जो खता प्यार में उनसे जख्म उसका बहुत गहरा है
दिल के ये हरे जख्म बयां करते हैं कि आज जरूर किसी का प्यार टूटा होगा
मजबूर होकर हुए होंगे वो जुदा ना मिटा सके होंगे दिल की उलझनों को
अलग अलग राह पर जाते कदमों के निशान ये बयान करते हैं कि
आज जरूर किसी का हमसफर छूटा होगा
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Shaanda
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